Luke 14:15-24

बड़े भोज के पटं‍तर

(मत्ती 22:1-10)

15जऊन मन यीसू के संग खाय बर बईठे रिहिन, ओम ले एक झन जब एला सुनिस, त ओह यीसू ले कहिस, “धइन ए ओ मनखे जऊन ह ओ भोज म खाही, जऊन ह परमेसर के राज म होही।”

16यीसू ह ओला कहिस, “एक बार एक मनखे ह एक बड़े भोज करिस, अऊ बहुंत मनखेमन ला नेवता दीस। 17जब भोज ह तियार हो गीस, त ओह अपन सेवक ला नेवताहारीमन करा ए कहे बर पठोईस, ‘आवव, जम्मो चीज तियार हो गे हवय।’

18पर ओमन जम्मो झन बहाना करे लगिन। पहिली मनखे ह ओ सेवक ला कहिस, ‘मेंह अभी एक ठन खेत बिसोय हवंव, अऊ मोर उहां जाना अऊ ओला देखना जरूरी ए। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला माफ कर दे।’

19आने झन ह कहिस, ‘मेंह अभी पांच जोड़ी बइला बिसोय हवंव, अऊ मेंह ओमन ला परखे बर जावत हंव। मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला माफ कर दे।’

20अऊ एक झन ह कहिस, ‘मेंह अभी बिहाव करे हवंव, एकरसेति मेंह नइं आ सकंव।’

21ओ सेवक ह वापिस आईस अऊ ए बात अपन मालिक ला बताईस। तब घर के मालिक ह गुस्सा होईस अऊ अपन सेवक ला हुकूम दीस, ‘सहर के सड़क अऊ गली मन म तुरते जा अऊ गरीब, अपंग, अंधरा अऊ खोरवामन ला ले आ।’

22ओ सेवक ह कहिस, ‘हे मालिक, जइसने तेंह कहे रहय, वइसने करे गे हवय, पर तभो ले जगह खाली हवय।’

23तब मालिक ह अपन सेवक ला कहिस, ‘बाहिर सड़क अऊ गांव तरफ के गलीमन म जा अऊ कइसने करके मनखेमन ला ले आ, ताकि मोर घर ह भर जावय। 24मेंह तोला कहत हंव कि ओ नेवताहारी मनखेमन ले एको झन घलो मोर भोज के सुवाद ला चखे नइं पाहीं।’ ”

Copyright information for HneNNC